ये दिल ये पागल दिल मेरा-2
क्यों बुझ गया आवारगी
ये दिल...
क्यों बुझ...
इस दश्त में इक शहर था-2
वो क्या हुआ
आवारगी !
ये दिल ये पागल...
कल शब मुझे बेशक्ल की-2
आवाज़ ने चौंका दिया
मैंने कहा तू कौन है-2
उसने कहा आवारगी
इस दश्त में इक शहर था-2
वो क्या हुआ
आवारगी !
ये दिल ये पागल...
ये दर्द की तन्हाईयाँ-2
ये दश्त का वीरान सफर
हम लोग तो उकता गए-2
अपनी सुना आवारगी
इस दश्त में इक शहर था-2
वो क्या हुआ
आवारगी !
ये दिल ये पागल...
इक अजनबी झोंके ने जब, पूछा मेरे गम का सबब-2
सहरा की भीगी रेत पर-2
मैंने लिखा आवारगी
इस दश्त में इक शहर था-2
वो क्या हुआ
आवारगी !
ये दिल ये पागल...
कल रात तनहा चाँद को, देखा था मैंने ख्वाब में-2
मोहसिन मुझऐ रास आएगी-2
शायद सदा आवारगी
ये दिल ये पागल...
क्यों बुझ गया आवारगी
इस दश्त में इक शहर था-2
वो क्या हुआ
आवारगी
Performed By: Ustad Ghulam Ali
Movie: माटी मांगे खून(1984)
click 4 voice / visual
No comments:
Post a Comment