Mai Teri Mast Nigahi Ka Bharam Rakh Lungaa,
Hosh Ayaa Bhi To Kah Dunga Muze Hosh Nahi
Ye Alag Baat Hai Saki Ke Muze Hosh Nahi
Varna Mai Khucch Bhi Hu Ahsaan Faramosh Nahi
अंदाज अपने देखते हैं आइने में वो
अंदाज अपने देखते हैं आइने में वो
और ये भी देखते हैं
के कोई देखता ना हो
हंगामा है क्यों बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है
डाका तो नहीं डाला चोरी तो नहीं की है
ना तज़ुर्बाकारी से, वाइज़ की ये बातें है
इस रंग को क्या जाने, पूछो तो कभी पी है
हंगामा है क्यों बरपा...
उस मै से नहीं मतलब, दिल जिससे हो बेगाना
मक़सूद है उस मै से, दिल ही में जो खींचती है
हंगामा है क्यों बरपा...
वा दिल में की सदमे दो या, की में के सब सह लो
उनका भी अजब दिल है, मेरा भी अजब जी है
हंगामा है क्यों बरपा...
हर ज़र्रा चमकता है, अनवर-ए-इलाही से
हर सांस ये कहती है, हम है तो खुदा भी है
हंगामा है क्यों बरपा...
सूरज में लगे धब्बा, फितरत के करिश्मे हैं
बुत हमको कहे काफ़िर, अल्लाह की मर्ज़ी है
हंगामा है क्यों बरपा...
Performed By: Ustad Ghulam Ali
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